Friday, June 25, 2010

kuch to kaho......

आईने के खास मेरे दिल के पास,


तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो

बारिस पानी कोहरा है छाया,

ऐसे में दूर कहीं धुन्द्लाता साया.....

तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो

मैं अकेला चारों तरफ फैला अँधेरा,

फिर किसने मुझे पुकारा ....

तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो

अँधेरे में ग़ुम हो गए थे कहीं,

रौशनी लौट आयी ..कुछ आह्ट सी हुई

तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो.

कुछ तो कहो...........

Saturday, April 3, 2010

SWAGATAM

"किसी रस्ते किसी सफ़र में, ना  होना तुम परेशान
दूर रहो तुम हर उलझन से, बस यही है एक अरमान
यही दुआ है रब से मेरी, इतना करे वो अह्शान
सारे सपने साकार तुम्हारे
हो होंठों पर हर पल मुस्कान".....................