आईने के खास मेरे दिल के पास,
तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो
बारिस पानी कोहरा है छाया,
ऐसे में दूर कहीं धुन्द्लाता साया.....
तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो
मैं अकेला चारों तरफ फैला अँधेरा,
फिर किसने मुझे पुकारा ....
तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो
अँधेरे में ग़ुम हो गए थे कहीं,
रौशनी लौट आयी ..कुछ आह्ट सी हुई
तुम ही हो या नहीं कुछ तो कहो.
कुछ तो कहो...........